झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष जब से जेल से बाहर आए हैं तब से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं. अब तकरीबन इस रहस्य से पर्दा उठ गया है. दरअसल, प्रदेश में बुधवार को इंडिया गठबंधन के विधायक दल की बैठक बुलाई गई, जिसमें हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने पर आम सहमति बन गई है. हेमंत सोरेन को दोबारा से सूबे की सत्ता पर काबिज किया जा सकता है।
हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद उनके नेतृत्व में यह पहली औपचारिक बैठक हुई है. बैठक में सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा गया था. वहीं, इस समय झारखंड के राज्यपाल राज्य से बाहर हैं, ऐसे में राज्यपाल के रांची पहुंचने तक सभी विधायक सीएम आवास में रहेंगे. बताया जा रहा है कि देर शाम तक राज्यपाल रांची पहुंचेगे, जिसके बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है. उन्हें समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
सीएम चंपई सोरेन ने कर दिए सारे कार्यक्रम रद्द
हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की अटकलों को उस समय भी बल मिला जब सीएम चंपई सोरेन ने कार्यक्रमों को अंतिम समय में रद्द कर दिया और बैठक में शामिल हुए. वह बीते दिन से ही सोरेन अपने आवास पर हैं. उनसे मिलने आने वाले लोगों को यह संदेश देकर लौटा दिया गया है कि मुख्यमंत्री अस्वस्थ हैं. उन्हें आज 1,500 चयनित शिक्षकों के नियुक्ति पत्र बांटने थे. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
JMM के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्होंने ईडी के हिरासत में रहते हुए ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट ने 28 जून को बड़ी राहत दी. उन्हें जमानत मिल गई और उनकी जेल से रिहाई हो गई।
चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं हेमंत सोरेन
झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कहा था कि यह मानने के कारण हैं कि रांची में एक भूखंड को लेकर उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में वे दोषी नहीं हैं. रिहाई के बाद हेमंत ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि उन्हें बताया गया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव जल्दी घोषित हो सकते हैं और वे इसके लिए तैयार हैं. दरअसल, सूबे में इस साल के आखिरी में चुनाव होने हैं, ऐसे में हेमंत सोरेन सत्ता पर काबिज होकर अपने माफिक माहौल बनाने का भरसक प्रयास करने की कोशिश करेंगे।