उत्तराखंड में व्यावसायिक उपयोग पर रोक के बावजूद जिले में निजी वाहन टैक्सी के रूप में धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। निजी हितों के लिए खरीदे वाहनों का व्यावसायिक प्रयोग कर वाहन मालिक फायदा उठा रहे हैं।
इसकी न तो बुकिंग रसीद होती है और न बिल। सिर्फ मौके के अनुरूप भुगतान होता है। लोग लग्जरी कार खरीदने के बाद उसे किराए पर लगा देते हैं। और सरकार को राजस्व जमकर चुना लगा रहें है जिसकी रोकथाम हेतु अब काशीपुर एआरटीओ विमल पांडे कमर कसली है और फिल्मी अंदाज में अब निजी वाहनों की पकड़ा जा रहा है।
आपको बता दें निजी वाहनों को पकड़ने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी निजी वाहन को पहले किराए के रूप में बुक करते हैं और उन्हें आगे जाकर पकड़ लेते हैं इसी अभियान के तहत परिवहन कर अधिकारी अभिलाष गैरोला द्वारा सवारी का भेष डालकर एक निजी वाहन को मुरादाबाद जाने के लिए अप्रोच किया गया।
वाहन स्वमिंद्वारा 1800 रुपए किराए की मांग की गई। कुछ दूर जाने पर सचल दल काशीपुर की टीम द्वारा वाहन को ट्रैप कर लिया गया और वाहन को निरुद्ध कर लिया गाया। एआरटीओ विमल पांडे का कहना है कि यातायात नियमों का उल्लंघन और नियमों के विरुद्ध जाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उनके खिलाफ कानून में कार्रवाई की जाएगी।