संगम तट पर गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर तेजी से श्री बड़े हनुमान मंदिर की ओर बढ़ रहा है। यही रफ्तार जारी रही तो गंगा का जल मंदिर में प्रवेश कर सकता है। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ का पानी गंगा-यमुना में छोड़े जाने के चलते सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड अलर्ट मोड पर है। फाफामऊ, छतनाग और यमुना नदी में लगातार वृद्धि जारी है। दो से ढाई सेंटी मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दोनों नदिया बह रही हैं,
घाट पर रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान की ओर शरण लेने लगे हैं। माता टीला बांध से करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने का असर भी एक दो दिन में दिखेगा। इसके अलावा उत्तराखंड में हो रही बारिश और कई सहायक नदियां उफान पर होने के कारण संगमनगरी में इसका असर पड़ सकता है,
उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हो रही भारी बारिश का असर प्रयागराज में दिख रहा है। सहायक नदियों के उफान पर होने के कारण बाढ़ का पानी गंगा और यमुना में छोड़ा जा रहा है। इससे यहां बाढ़ की स्थिति पैदा होने लगी है,
माता टीला बांध के अलावा कानपुर बैराज भी पानी गंगा नदी में छोड़ा गया है। पानी अब किनारे रहने वालों की मुश्किलें बढ़ाने लगी है। घाट के किनारे रहकर रोजी रोटी चलाने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वह सुरक्षित स्थान खोज रहे हैं,
हनुमान कॉरिडोर पर भी पड़ेगा असर
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद हनुमान मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी प्रभावित हो सकता है। बीते मंगलवार को ही कार्यदायी संस्था ने कॉरिडोर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया था। मंदिर के महंत बलवीर गिरि ने इसके लिए भूमि पूजन भी किया था। बाढ़ का पानी भर जाने के कारण निर्माण कार्य में विलंब हो सकता है,
डेंजर लेवल 84.734 मीटर है
प्रयागराज में गंगा और यमुना का डेंजर लेबल 84.734 है। हालांकि दोनों नदियां अभी चेतावनी बिंदु के काफी नजदीक हैं, बावजूद इसके सिंचाई विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है,