उत्तर-प्रदेश एवं उत्तराखंड को जोड़ने वाला मझोला- खटीमा 18 किमी मार्ग इन दिनों जर्जर हालत में है, इस मार्ग पर चलने वाले लोग गड्डों के कारण चोटिल हो रहे हैं।
लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व वाला यह 18 किमी मार्ग अब राष्ट्रीय राजमार्ग को हस्तांतरित हो चुका है। फिलहाल इस मार्ग की देखरेख एवं रख रखाव का दायित्व एन एच हल्द्वानी डिवीजन का है। दो प्रदेशों को जोड़ने वाले खटीमा, मझोला, पोलीगंज राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर दो दर्जन से अधिक ग्राम सभाएं पड़ती हैं।
वही राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थान के अलावा एक महाविद्यालय भी चलता है। यूपी व उत्तराखंड को जोड़ने वाले इस मार्ग से एनएच 125 को जोड़ने वाले तीन बाईपास हैं। मझोला से सितारगंज, 17 मील से नानक सागर तथा टेड़ाघाट से गांधीनगर होते हुए झनकट में एन एच 125 से जुड़ता है। इस मार्ग से विभिन्न विद्यालयों के बच्चों, व्यवसायियों, किसानों एवं मां पूर्णागिरी तथा नेपाल से संपर्क रखने वाले लोग आते जाते हैं।
बरसात की वजह से यह मार्ग गड्डों में तब्दील हो चुका है। मार्ग चलने वाले गड्डों के बीच मार्ग तलाशते एक दूसरे से भीड़ने एवं गड्डों में गिरने से चोटिल होते हैं। एनएच के सहायक अभियंता पीके सुयाल ने बताया कि मार्ग की स्थिति विभाग के संज्ञान में है।
खटीमा – मझोला मार्ग को फिलहाल बारिश के चलते कच्ची पिचिंग कर चलने योग्य बनाया जाएगा। बरसात के बाद मार्ग पर पक्की पिचिंग की जाएगी। डीपीआर की स्वीकृति के बाद बनने वाले टूलेन में मार्ग के दोनों ओर डेढ़- डेढ़ मीटर चौड़ा कर डामरीकरण होगा। दोनों ओर फुटपाथ के अलावा नाली का निर्माण होगा।